Petrol-Diesel Vs Electric Car : मारुति ऑटोमोबाइल मार्केट में लंबे समय से अलग-अलग कंपनियों के पेट्रोल और डीजल इंजन वाली गाड़ियों को पसंद किया जा रहा है. लेकिन अब लगातार बढ़ रही टेक्नोलॉजी के साथ लोग भी तेजी से बदलाव की और आगे पढ़ रहे हैं और हाल ही में अलग-अलग कंपनी द्वारा लॉन्च की गई उनकी पहली इलेक्ट्रिक कार को लोग खूब पसंद कर रहे हैं.
लगातार तेजी से लोग इलेक्ट्रिक कारों की और आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की बिक्री भी कम हो गई है तो आईए जानते हैं कि आखिर क्या ऐसा रीजन है. जिसकी जैसे लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों की और तेजी से बढ़ अपना रहे हैं.
कम खर्च में अधिक रेंज
दरअसल, भारतीय कार मार्केट में मौजूद अलग-अलग कंपनियों के इलेक्ट्रिक कार पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों के मुकाबले अधिक इसलिए पसंद किया जा रहे हैं, क्योंकि इन्हें कम से कम खर्चे में अधिक से अधिक दूरी तक चलाया जा सकता है.
उदाहरण के तौर पर अगर आप देखे तो एक इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने में 10 से 15 यूनिट बिजली खर्च होता है और अगर बिजली ₹8 यूनिट है तो सिंगल चार्ज करने में लोगों को ₹80 से लेकर ₹120 तक खर्च करना पड़ता है और माइलेज भी लगभग 100 के पर ही होता है.
सर्विस में बेहतर
इसके अलावा इलेक्ट्रिक कारों को पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों के मुकाबले सर्विस करने में कम खर्च आता है, क्योंकि पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों के सर्विसिंग में डीजल और उसके इंटीरियर को लेकर कई तरह के खर्च उठाने पड़ते हैं. जबकि इलेक्ट्रिक कार के सर्विसिंग के दौरान इस तरह का कोई खर्च नहीं उठाना पड़ता है.
शोर शराबा कम
इन सब के अलावा इलेक्ट्रिक कारों को आप सड़कों पर बिना शोर शराबा के चला सकते हैं. जबकि पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों को चलाते समय अलग-अलग तरह की आवाज सुनने को मिलती है.
कीमत भी बेस्ट
वही, कीमत के लिहाज से देखा जाए तो पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों की अपेक्षा इलेक्ट्रिक कारों की कीमत थोड़ी महंगी है. लेकिन अब अलग-अलग कंपनियों द्वारा उनकी अपकमिंग मॉडल को सस्ती कीमत के साथ मार्केट में उतर जा रहा है. जिसमें टाटा मोटर्स अभी तेजी से इस दिशा में काम कर रहा है और आज के समय में टाटा मोटर्स की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार ₹700000 की कीमत के साथ शुरू होती है.