BNS Traffic Rules : अब 1 जुलाई से भारत में भारतीय न्याय दंड संहिता लागू हो गई है और इसके साथ ही कई सालों पुरानी ब्रिटिश कल की भारतीय दंड संहिता को बदल दिया गया है। नई दंड संहिता लागू होने के साथ ही पूरे भारत में कई सारी FIR दर्ज हो चुकी है और इनकी संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है।
हाल ही में तेलंगाना में, BNS के तहत पहली FIR सोमवार सुबह साइबराबाद पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत राजेंद्रनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। इसमें धारा 104 के तहत लापरवाही के कारण मृत्यु होने पर FIR दर्ज की गई है।
यह एक ड्राइवर की मौत से संबंधित थी जिसने अपनी कार को पीएनवीआर एक्सप्रेसवे पर मेडियन से टकरा दी थी। नए दंड संहिता के तहत केरल में भी पहली प्राथमिकी एक व्यक्ति के खिलाफ तेज रफ्तार ड्राइविंग (धारा 281) के लिए दर्ज की गई थी। अब उस व्यक्ति पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत केस दर्ज किया गया है।
नई न्याय दंड संहिता लागू करने के बाद से ही इसके कई मामले बढ़ रहे है। ये IPC की तुलना में ज्यादा कठोर रूप में तैयार की गई है। अब अगर कोई यातायात नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे जुर्माने के साथ जेल भी होगी। आइये आपको बताते है, भारतीय न्याय संहिता के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जो वाहन चालकों को पता होनी चाहिए।
BNS : हिट एंड रन केस
भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 के तहत अब हिट एंड रन केस के मामले में सजा को सख्त कर दिया गया है। अगर किसी की लापरवाही से वाहन चलाने पर किसी की मौत होती है और जो गैर इरादतन हत्या के बराबर नहीं है और घटना के बाद पुलिस या मजिस्ट्रेट को बिना जानकारी दिए भाग जाता है तो उसे 10 साल की जेल और 7 लाख रुपये जुर्माना देना होगा। पहले 10 साल की जेल और 2 लाख रुपये जुर्माना था।
BNS : लापरवाही से ड्राइविंग
भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 के तहत लापरवाही से ड्राइविंग करने या सवारी चलाने पर 6 महीने की जेल या 1000 रुपये जुर्माना और दोनों की सजा हो सकती है। नए नियम के अनुसार अगर कोई सार्वजनिक मार्ग पर इतनी लापरवाही से गाड़ी चलाता है कि किसी इंसान को जान को खतरा है तो उसे 1000 रुपये जुर्माना या जेल या दोनों से दंडित किया जायेगा।