Traffic Challan : रोजाना सड़को पर लापरवाही और तेज स्पीड गाड़ी चलाने के कारण कई सारी दुर्घटनाएं होती रहती है। इनमें से अधिकतर दुर्घटनाओं में नाबालिग शामिल होते है। 18 साल से कम उम्र के बच्चे वाहन चलाते है तो उसे अंडरएज ड्राइविंग (Underage Driving) कहते है। ये कानून की नजर में एक अपराध है।
अगर कोई अंडरएज ड्राइविंग (Underage Driving) करते पकड़ा जाता है तो नाबालिग चालक के साथ-साथ माता-पिता या आभिभावकों पर जुर्माना लगाया जाता है। अंडरएज ड्राइविंग (Underage Driving) के मामलो को देखते हुए अब ट्रैफिक पुलिस ने पैरेंट्स के लिए चेतावनी जारी की है।
अभिभावकों को चेतावनी
अब शहर में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने को रोकने के लिए गौतमबुद्ध नगर में पुलिस आयुक्तालय ने अभिभावकों और माता-पिता को कड़ी चेतावनी दी है। मंगलवार को जारी किए गए एक बयान के अनुसार नोएडा पुलिस ने नाबालिगों द्वारा मोटर वाहन चलाने से पैदा होने वाले खतरे पर जोर दिया है।
ट्रैफिक पुलिस ने ये निर्देश यातायात नियमों के पालन की चिंता और पूरे क्षेत्र में बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए लिया है। इस बयान के अनुसार कम उम्र के बच्चों द्वारा टू-व्हीलर या फोर-व्हीलर वाहन चलाना गैर कानूनी और अनुचित है।
माता-पिता पर 25,000 का जुर्माना
अगर कोई भी नाबालिग बिना वैलिड लाइसेंस के गाड़ी चलाता है तो उन्हें परमिशन देने वाले अभिभावकों और माता-पिता को जुर्माने और कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा। इसमें 25,000 रुपये तक का जुर्माना, भारतीय न्याय संहिता की धारा 125 के तहत संभावित कानूनी कार्रवाई और 12 महीने की अवधि के लिए वाहन पंजीकरण रद्द करना शामिल है। इसके साथ ही अगर कोई नाबालिग अवैध रूप से गाड़ी चलाते हुए पाया जाता है तो उसे 25 साल तक की उम्र तक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के योग्य नहीं माना जायेगा।
इस अभियान में शहर भर में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने वालों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए यातायात पुलिस द्वारा कड़ी जाँच शामिल है। प्रवर्तन अभियान का उद्देश्य निवासियों के बीच यातायात कानूनों की अवहेलना के परिणामों और सुरक्षित समुदाय के लिए अनुपालन सुनिश्चित करने के महत्व के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करना है।