Electric Car Tyre : भारत देश के साथ ही दुनिया भर में इलेक्ट्रिक कारों के प्रति लोगों का उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। यह कार्बन एमिशन नहीं करती है इसलिए पर्यावरण के लिहाज से भी काफी सुरक्षित मानी जाती है। इसलिए लोग इसे खरीदने के लिए ज्यादा उत्सुक हो रहे है। देखा जाए तो इलेक्ट्रिक कारों में कई सारी अच्छी चीजें है लेकिन ये कुछ कारणों से पेट्रोल कारों के मुकाबले ज्यादा महंगी होती है।
हम यहाँ चार्जिंग में आने वाली समस्या या रेंज के बारे में बात नहीं कर रहे हैं बल्कि एक ऐसी परेशानी के बारे में बात कर रहे हैं जो इलेक्ट्रिक कार चलाने वाले लोगों को काफी परेशान कर रही है।
जल्दी बदलने पड़ते है इलेक्ट्रिक कार के टायर
आपको बता दे कि इलेक्ट्रिक कार के टायर पेट्रोल और डीजल कारों के तुलना में जल्दी घिस जाते हैं। अगर एक पेट्रोल कार के टायर को 40,000 किमी पर बदलना पड़ता है तो इलेक्ट्रिक कार के टायर को 30,000 किमी पर ही बदलना पड़ेगा। आखिर इसके पीछे कारण क्या है? क्या ईवी कार निर्माता कंपनियां खराब क्वालिटी के टायर लगाती है? आइये जानते है इस बारे में…..
क्यों जल्दी घिस जाते है ईवी कार के टायर
आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक कार में भी कंपनियां अच्छी क्वालिटी के टायर देती है। इनकी क्वालिटी भी पेट्रोल कार में मिलने वाले टायर के बराबर होती है। इनके जल्दी घिसने का कारण इनका वजन है।
इलेक्ट्रिक कारों का वजन पेट्रोल कारों से ज्यादा होता है क्योंकि इनमें लिथियम आयन की बैटरी होती है, जो वजन में भारी होती है। इसके अलावा अगर आपके आसपास की सड़क ठीक नहीं है तो भी इलेक्ट्रिक कार के टायर जल्दी घिसते है।
इसके अलावा इलेक्ट्रिक कारों के टायर जल्दी घिसने का कारण है, इनमे हाई टॉर्क। इलेक्ट्रिक कारों में बड़ी मोटर लगी होती है जो टायर को तेजी से घुमाती है और इस कारण सड़क पर पहियों का घर्षण अधिक होता है और टायर जल्दी घिस जाते हैं।