FasTag Rules : हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने Fastag नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड लाने जा रहा है। इसके तहत ये सुविधाएं पाने के लिए आपके पास पैसे कम होने पर खुद ग्राहकों के खाते में RBI पैसे भेज देगा। इसके बाद बाकी लिमिट ग्राहकों द्वारा तय की जाएगी।
RBI के अनुसार ये राशि ग्राहकों के खाते से ट्रांसफर होकर वॉलेट में चली जाती है। इसके अलावा वेरिफिकेशन और विथड्रॉल के लिए जानकारी देने की जरूरत को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। इससे संबंधित दिशानिर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।
RBI गवर्नर ने बताया कि मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के फैसले के बारे में बात करते हुए कहा कि अब इलेक्ट्रिक रूप से पेमेंट की मंजूरी निश्चित अवधि वाली सर्विस के लिए निश्चित समय पर ग्राहकों के खाते से पैसे काट लिए जाते है। लेकिन अब उन सर्विस को भी इसमें जोड़ा जा रहा है जिनके भुगतान की अवधि निश्चित नहीं है। इसमें राशि कम होने पर पेमेंट किया जाता है।
ई-मैंडेट की सुविधा RBI ने 10 जनवरी 2020 को की थी जो डिजिटल पेमेंट से जुड़ी हुई है। वर्तमान में इससे पैसे निकालने से 24 घंटे पहले ग्राहक को इसकी जानकारी देनी होती है। ई-मैंडेट ढांचे के तहत फास्टैग, एनसीएमसी आदि में आटोमेटेड पेमेंट के लिए ग्राहक के खाते से किए गए पेमेंट के लिए इस आवश्यकता से छूट देने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही RBI ने UPI लाइट को ‘ई-मैंडेट के ढांचे में लाने का प्रस्ताव भी रखा है।
UPI लाइट के द्वारा ग्राहक अपने UPI वॉलेट में 2000 रुपये तक रख सकता है और वॉलेट से 500 रुपये की पेमेंट कर सकता है। UPI लाइट के इस्तेमाल को आसान बनाने और अलग अलग हितधारकों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर ग्राहक द्वारा यूपीआई लाइट वॉलेट में पैसे डालने के लिए ‘ऑटो-रिप्लेनिशमेंट’ सुविधा शुरू करके यूपीआई लाइट को ‘ई-मैंडेट’ ढांचे के दायरे में लाने का प्रस्ताव है, अगर शेष राशि उसके द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाती है।