Petrol-Diesel Vehicle : देश-दुनिया में कार्बन एमिशन को कम करने और पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए लगातार इलेक्ट्रिक व्हीकल को सपोर्ट किया जा रहा है। इसमें भारत भी पीछे नहीं है और भारत सरकार भी पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहनों को बंद करने की कोशिश कर रही है। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari का एक बड़ा बयान पेट्रोल डीजल व्हीकल को लेकर सामने आया है।
10 साल का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने कहा, “मैं अगले 10 साल में भारत से पेट्रोल डीजल वाली गाड़ियों को बंद करना चाहता हूं और 2034 तक ऐसा हो भी सकता है। अब इलेक्ट्रिक कार, बस और अन्य व्हीकल आ चुके हैं। आप ₹100 डीजल पर खर्च करते हैं जबकि इलेक्ट्रिक व्हीकल 4 रुपये की बिजली की खपत करते है।”
केंद्रीय मंत्री ने Nitin Gadkari समय-समय पर इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जोर देते हुए कम एमिशन वाले फ्यूल की चर्चा भी की है। इससे पहले भी उन्होंने प्रदूषण को कम करने और कच्चे तेल पर देश की निर्भरता को कम करने की बात कही है। आपको बता दे कि देश में जरूरत से ज्यादा कच्चे तेल का आयात होता है और इससे राजकोष पर भार बढ़ रहा है।
भारत में EV की स्थिति
दुनिया के अधिकतर देशों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड कम है, लेकिन भारत में लगातार इसकी मांग बढ़ती जा रही है। देश में 2023 के दौरान करीब 15 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बेचे गए, जिसमें टू, थ्री और 4 सभी सेग्मेंट्स शामिल हैं। यह 2022 से 50 फीसदी ज्यादा है। जबकि इस साल ये संख्या 17 लाख तक जा सकती है।
सरकार का भी है सपोर्ट
अब भारत सरकार ने भी इलेक्ट्रिक व्हीकल को सपोर्ट करते हुए इसके आयात मॉडल पर ड्यूटी कम कर दी है, बशर्ते मैन्युफैक्चरर स्थानीय निवेश और सोर्सिंग का आश्वासन दें। इसके हिसाब से साल 2030 तक भारत के ऑटोमोटिव सेक्टर में कुल बिक्री का 30 फीसदी इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट से प्राप्त करने की उम्मीद है जो कि वेस्टर्न देशों के निर्धारित लक्ष्य से कहीं ज्यादा है।
जबकि, दुनिया के सबसे बड़े कार मार्केट अमेरिका साल 2030 तक ईवी मार्केट से कुल बिक्री का 50 फीसदी और 2032 तक 67 फीसदी ईवी मार्केट से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। UK में 2023 में कुल बिक्री का लगभग 19 फीसदी ईवी से आया और देश ने 2035 तक 100 फीसदी बिक्री ईवी से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
ये है बड़ी चुनौतियां
लेकिन, अभी भारत को चार्जिंग स्टेशन और सपोर्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और EV के बारे में जागरूकता पैदा करने जैसी चीजों पर ध्यान देना होगा। जबकि इलेक्ट्रिक व्हीकल की अधिक कीमत भी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, विशेष रूप से भारत जैसे देश में जहां अधिकतर मिडिल क्लास लोग रहते है।