भारत में कितने प्रकार के होते हैं Driving Licence? जानें- आपके लिए कौन रहेगा बेस्ट!

Types of Driving Licence : भारत में वाहनों से सड़कों पर चलने के लिए लोगों को कई खास नियमों का पालन करना होता है. सबसे खास बात ये होती है कि 18 साल की उम्र से पहले ही कोई व्यक्ति किसी तरह का कोई भी वहान नहीं चला सकता है और अगर कोई ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.

हालांकि, 18 साल की उम्र होने के बाद भी लोगों को सड़कों पर गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है, बिना Driving Licence के कोई भी व्यक्ति किसी भी गाड़ी को नहीं चला सकता है. वहीं किसी भी गाड़ी को चलाने के लिए लोगों को सबसे पहले ड्राइविंग स्कूल या फिर आरटीओ ऑफिस में जाकर प्रैक्टिकल और थ्योरी के रूप में टेस्ट देना होता है, टेस्ट में क्वालीफाई करने वाले लोगों को लर्निंग लाइसेंस के रूप में Driving Licence प्राप्त हो जाता है.

कितने तरह का होता है डीएल?

दरअसल, आज के समय में Driving Licence हर किसी के पास होना बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि कहीं भी किसी भी समय किसी भी व्यक्ति को आना-जाना पड़ सकता है. ऐसे में अगर उसे इमरजेंसी में किसी भी कार/बाइक को चलाना हुआ तो उसे चलाने से लिए उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी हो जाता है. खैर भारत में वाहनों को चलाने के लिए डीएल अनेकों प्रकार के बनाएं जाते हैं.

  1. लर्निंग लाइसेंस
  2. परमानेंट लाइसेंस
  3. कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस
  4. इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस

लर्निंग लाइसेंस क्या है ?

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आरटीओ ऑफिस की ओर से किसी भी व्यक्ति को लाइसेंस जारी करने से पहले उसे 6 महीने के लिए लर्निंग लाइसेंस दिया जाता है. ताकि वह व्यक्ति ड्राइविंग में माहिर हो सके और उसके पास अच्छा समय मिल सके ताकि वह सड़कों पर आसानी से बेहतर तरीके से गाड़ी को चला सके.

परमानेंट लाइसेंस का क्या काम ?

लर्निंग लाइसेंस की अवधि खत्म होने के बाद आरटीओ ऑफिस की ओर से व्यक्ति की उम्र के अनुसार उसे परमानेंट लाइसेंस जारी कर दिया जाता है. अगर व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष से अधिक है तो उसे ड्राइविंग लाइसेंस के रूप में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस दे दिया जाता है. हालांकि, इसके लिए उसे पहले आरटीओ की ओर से आयोजित परीक्षा को क्वालीफाई करना पड़ता है.

कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस क्या है ?

इस तरह का ड्राइविंग लाइसेंस उन लोगों को दिया जाता है जो बड़े वाहन को चलते हैं. जिससे कि ट्रक, बस और माल की ढुलाई वाले वाहन चालकों को इस लाइसेंस को प्राप्त करने वाले उसकी उम्र के साथ-साथ उसकी पढ़ाई भी लगभग आठवीं परीक्षा पास होनी चाहिए तब जाकर उसे कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाता है.

इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस

वहीं इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस उन लोगों को दिया जाता है, जो भारत के अलावा दूसरे देश में भी जाकर अपना खुद का वाहन या फिर वहां का वाहन चलाना चाहते हैं वहां की सड़कों पर. लेकिन हां इस लाइसेंस के लिए लोगों को हर साल अप्लाई करना होता है क्योंकि इसकी अवधि 1 साल तक के लिए ही होती है.