Electric Car Battery Degradation : अब भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की भी काफी ज्यादा डिमांड बढ़ने लगी है और भारतीय सड़कों पर पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों के साथ में इलेक्ट्रिक कारें भी दौड़ते हुए दिखाई देती है।
लेकिन इलेक्ट्रिक कारों को चलाते समय आपको कोई सावधानी रखनी होती है। इलेक्ट्रिक कार चलते समय ड्राइवर को बैटरी की रेंज का ध्यान रखना होता है क्योंकि इसे चलाने के लिए बैटरी ही सबसे काम की चीज है।
कैसे करें बेहतर ईवी का पता
कोई भी इलेक्ट्रिक कार खरीदने से पहले उसकी कीमत के बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए। इसके अलावा इसकी बैटरी लाइफ और सिंगल चार्जिंग में मिलने वाली रेंज के बारे में भी पता कर लेना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि, लोग ईवी कार चलाते समय उसकी बैटरी लाइफ को लेकर भी चिंता में रहते हैं।
ईवी कार की बैटरी खराब होने का कारण
जैसे-जैसे कार का इस्तेमाल बढ़ता जाता है और समय बीतता जाता है वैसे-वैसे ही बैटरी की पावर कम होने लगती है। इलेक्ट्रिक वाहनों में लगी बैटरी, पावरट्रेन कंपोनेंट्स की तुलना में ज्यादा पावर देती हैं, जिसके चलते ईवी में पावर डिग्रेडेशन देखने को नहीं मिलता, बल्कि ड्राइवर को केवल बैटरी का नुकसान झेलना पड़ता है।
ईवी की बैटरी लाइफ
कंपनियों द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ ही उसकी बैटरी पर भी वारंटी दी जाती है जो अधिकतम 6 से लेकर 8 साल तक हो सकती है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी पर मिलने वाली वारंटी ज्यादा समय के लिए हो सकती है। लेकिन, अगर बैटरी खराब हो जाए, तो उसे रीप्लेस करके कार या स्कूटर को दोबारा चलाया जा सकता है।
बैटरी रिप्लेस करने का खर्च
अगर इलेक्ट्रिक बाइक या स्कूटर की बैटरी खराब हो जाती है तो उसे रिप्लेस करने में 30-35 हजार रुपए का खर्च आता है। लेकिन इलेक्ट्रिक कारों में इसकी कीमत ज्यादा होती है। इसलिए इलेक्ट्रिक कार चलाते समय बैटरी और रेंज का जरूर पता होना चाहिए। इलेक्ट्रिक कार को कभी भी फुल चार्ज नहीं करना चाहिए और न ही पूरी तरह से डिस्चार्ज होने देना चाहिए। इससे बैटरी लाइफ को बढ़ाया जा सकता है।