ऑटो कंपनियों की बल्ले बल्ले! अब से भारत में बनेंगी Electric Car, ई-पॉलिसी को दी गई मंजूरी

EV Policy Approved Union Government: देश में लगातार इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लोगों को प्रेरित कर रही है. लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल का निर्माण भारी संख्या में दूसरे देशों में हो रहा है, इसी बात को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी ऑटो कंपनियों के लिए ई-पॉलिसी (EV Policy) को मंजूरी दे दी है. जिसकी जानकारी भारी उद्योग मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए दे दिया है, तो आईए इस पॉलिसी के बारे में जानते हैं.

करना होगा 4150 करोड़ का करना होगा निवेश

बता दें कि, केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई इस पॉलिसी (EV Policy) के बाद ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को लगभग 4150 करोड रुपए इन्वेस्ट करना होगा. वहीं इन्वेस्टमेंट को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि निवेश करने की कोई सीमा तय नहीं है, यानी की इससे भी अधिक निवेश किया जा सकता है.

कितना होगा फायदा ?

दरअसल, अभी के समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) को कस्टम ड्यूटी लिमिटेड यानी की इंपोर्ट करने में अधिक परसेंट मिश्रण होता था. लेकिन इस पॉलिसी (EV Policy) के बाद पैसा बचेगा और कंज्यूमर को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ एक्सेस भी मिल जाएगा.

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जिसकी वजह से इंपोर्ट लाने पर कस्टम ड्यूटी 15% लगाई जाएगी, जबकि रेडी ऑटोमोबाइल पार्ट के इंपोर्ट करने पर 15% का कस्टम ड्यूटी देना होगा और रेडी ऑटोमोबाइल्स के इंपोर्ट पार्ट पर 70% कस्टम ड्यूटी होगा और ड्यूटी में छूट बस 5 साल के लिए और 1 साल के लिए 8000 कारों की इंपोर्ट ड्यूटी दी जाएगी. ऐसे में 5 सालों में कुल 40,000 कार को लाया जा सकता है सालाना लिमिट कैरी फॉरवार्ड के ऑप्शन पर दिया जाएगा.

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