Flex Fuel : आखिर क्या है फ्लेक्स फ्यूल? जानें- इसके फायदे और नुकसान…

Flex Fuel : आजकल अपने फ्लेक्स फ्यूल के बारे में तो बहुत सुना होगा। दरअसल फ्लेक्स फ्यूल का सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ता है। आइये आपको बताते है कि आखिर फ्लेक्स फ्यूल क्या है और इससे कौन से फायदे और नुकसान होते हैं?

क्या है फ्लेक्स फ्यूल

फ्लेक्स फ्यूल पर्यावरण और गाड़ियों के लिए अनुकूल होते हैं और यह पेट्रोल फ्यूल की तरह होते हैं। इसमें इथेनॉल और पेट्रोल का मिश्रण होता है जिससे गाड़ियां चलती है। यह मिश्रण का अनुपात पूर्व निर्धारित मात्रा से लचीला होता है, इसलिए इसे फ्लेक्स फ्यूल कहते हैं। एक तरफ फ्यूल की बढ़ती हुई कीमतों को देखते हुए फ्लेक्स फ्यूल टेक्नोलॉजी पैसा बचाने वाली हो सकती है।

फ्लेक्स फ्यूल के फायदे

  • इससे फ्यूल की कीमत में होने वाली बढ़ोतरी के दौरान वाहन चालक अपनी सुविधा अनुसार फ्यूल का चुनाव कर सकते है। अगर इथेनॉल की कीमत पेट्रोल से कम है, तो चालक इथेनॉल मिश्रण का अधिक अनुपात चुनाव कर सकता है।
  • फ्लेक्स फ्यूल एक स्वच्छ ईंधन है जो पर्यावरण प्रदूषण को कम करता है। ये पारंपरिक फ्यूल की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड का कम उत्सर्जन करता है।
  • इसके साथ ही ये विदेशों से तेल आयात की निर्भरता को भी कम करेगा। इसका इस्तेमाल घरेलू रूप से हो सकेगा और इससे एनर्जी सेविंग को बढ़ावा मिलेगा। फ्लेक्स फ्यूल के नुकसान :
  • लेकिन वर्तमान में हमारे देश में फ्लेक्स फ्यूल स्टेशन ज्यादा नहीं है। इसलिए फ्लेक्स फ्यूल वाली गाड़ियों का इस्तेमाल सीमित मात्रा में किया जा सकता है।
  • इसके अलावा इथेनॉल की कीमत सरकारी सब्सिडी पर निर्भर करती है। अगर सरकारी सब्सिडी कम है तो पेट्रोल की तुलना में इथेनॉल की कीमत ज्यादा होगी। ऐसे में फ्लेक्स फ्यूल वाले वाहनों का फायदा कम हो जायेगा।
  • फ्लेक्स फ्यूल वाहन आम तौर पर पेट्रोल या फिर डीजल वाहनों की तुलना में थोड़े महंगे होते है।