Why CNG Cars Are Costlier: देश में एक तरफ इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ सीएनजी कारों की डिमांड भी कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं मार्केट में केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर जोर देना कम कर दिया गया है, क्योंकि पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों को सड़कों पर चलने के लिए अधिक से दूरी तय करने के लिए हजारों रुपए खर्च करने पड़ जाते हैं.
लेकिन आप पेट्रोल और इलेक्ट्रिक कार आने की वजह से लोगों के जेब पर बोझ करना काम हो गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मार्केट में मौजूद सीएनजी का पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों की तुलना में अधिक महंगा होता है तो आईए जानते हैं कि आखिर इसके पीछे की क्या वजह है और ऐसा क्यों?
CNG Car के फायदें
दरअसल, सीएनजी कार (CNG Car) को लेकर कहा जाता है कि इस कार के कई सारे फायदे हैं. जैसे कि लोगों के जेब पर बोझ कम पड़ता है, कम खर्चे में अधिक से अधिक जरूरत है कर लेते हैं और वायु प्रदूषण पर भी नियंत्रण रखा जाता है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर पेट्रोल और डीजल की कारों की तुलना में यह कार क्यों महंगी होती है?
क्यों होती है महंगी ?
बता दें कि, सीएनजी कार (CNG Car) को मार्केट में कंपनियां अधिक कीमत के साथ इसलिए पेश करती है क्योंकि इसे तैयार करने में अधिक खर्च आता है जैसे कि, प्रेशर रेगुलेटर और पाइप, हाई-प्रेशर स्टोरेज टैंक, फिलिंग नोजल जैसे अन्य कॉम्पोनेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है. अब ऐसे में इस तरह के कंपोनेंट के इस्तेमाल के बाद सीएनजी कारों की कीमत महंगी हो जाती है.
मेंटेनेंस खर्च अधिक
वहीं सीएनजी कारों (CNG Car) के मेंटेनेंस का खर्च पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों की तुलना में अधिक होता है, क्योंकि इसके पार्ट्स काफी महंगे होते हैं और इन्हें समय पर अगर सर्विस ना मिली तो यह जल्दी ही खराब हो जाते हैं जिसकी वजह से दोबारा से मेंटेनेंस करने में काफी खर्च उठाना पड़ जाता है.